Tue 12-01-2021 16:48 PM
अबू धाबी, 12 जनवरी, 2021 (डब्ल्यूएएम) -- जसीम अब्दुल्ला के द्वारा अपने पर्ल बॉक्स को खोलना, विजिटर्स को उनके जीवन के एक रोमांचक समय में ले गया, जहां कई अनकही कहानियां हैं। 61 वर्षीय अमीराती जिन्होंने अपनी छोटी उम्र में मोती गोताखोर के रूप में काम किया था, अपने साहसिक गहरे समुद्र में मोती-गोताखोरी यात्राओं के बारे बेहद नोस्टेलजिक हैं। अब्दुल्ला याद करते हुए कहते है, "जब हम गहरे समुद्र में गोता लगा रहे थे, तो यह अधिक चुनौतीपूर्ण और सुखद था।"
वह जानते है कि यह रोमांचक समय कभी वापस नहीं आएगा, लेकिन वह उत्सुक हैं कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को मोती डाइविंग की विरासत को जानना चाहिए, जिसने संयुक्त अरब अमीरात में पिछली पीढ़ी के कई लोगों को आजीविका दिया है। उन्होंने अमीरात समाचार एजेंसी (डब्ल्यूएएम) को अपने स्टॉल पर अबू धाबी में शेख जायद हेरिटेज फेस्टिवल में मोती डाइविंग और व्यापार में उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक उपकरण प्रदर्शित करते हुए बताया, "इसलिए मैं इस मोती के बक्से को खजाने की तरह रखता हूं। मैं इसे अपने बच्चों को सौंप दूंगा और मैं चाहता हूं कि वे इसे आने वाली पीढ़ियों को दें।"
अब्दुल्ला यूएई के संस्थापक पिता स्वर्गीय शेख जायद बिन सुल्तान अल नहयान से भी प्रेरित हैं, जिन्होंने हमेशा अमीरातियों से अपनी संस्कृति बनाए रखने का आह्वान किया। अबू धाबी के अल रहबा में रहने वाले अब्दुल्ला ने कहा, "वह हमें बताते है कि 'हमें अपने अतीत को याद रखना चाहिए कि हमने कहां और क्या शुरू किया।’ मौजूदा शासक भी अमीरात की इस सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के इच्छुक हैं। वे इन स्मृति चिन्हों के माध्यम से छोटे बच्चों और दूसरे देशों के लोगों को हमारी संस्कृति सिखाने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने 15 साल की उम्र में एक मछुआरे के रूप में शुरुआत की और बाद में डाइविंग करने लगे। उन्होंने कहा, "मेरे पिता मछली पकड़ने और गोताखोरी में मेरे शिक्षक और मार्गदर्शक थे।"
उनके बच्चे भी खुश हैं कि वह अपना पुराना मोती का बक्सा साथ रखते हैं। अब्दुल्ला ने बताया, "मुझे पूरी उम्मीद है कि वे अतीत की इस कहानी को साझा करना जारी रखेंगे। यह हमारी संस्कृति है!"
फेस्टिवल 20 अक्टूबर 2020 से शुरू हुआ और 20 फरवरी 2021 तक विजिटर्स को आकर्षित करना जारी रखेगा। स्वर्गीय शेख जायद बिन सुल्तान अल नहयान के सम्मान में नामित महोत्सव देश की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाता है और अपनी परंपराओं की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करता है। 90-दिवसीय आयोजन हर साल विभिन्न राष्ट्रीयताओं के एक लाख से अधिक विजिटर्स का स्वागत करता है। अनुवादः एस कुमार.
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